दोस्तों motivational stories in hindi to increase self confidence में आज की स्टोरी है stammer boy -हकलाना कोई problem नहीं। इस कहानी का main motive है उन लोगो को motivate करना जो थोड़ा रुक रुक कर बोलते है और साथ ही वो लोग जिनके आस पास ऐसे लोग रहते है जिन्हे बात करने में थोड़ी दिक्कत होत्ती है। ये एक normal problem है और किसी को भी हो सकती है इसलिए हमे कभी भी अपने बारे में nagative feel नहीं करना chaahiye और ना ही दुसरो को जिन्हे बात करने में दिक्कत होत्ती है उन्हें dimotivate करना चाहिए।
ye bhi parhe : -
ये कहानी है एक लड़के की जिसका नाम राजीव था और वो plus two class का student था। उसे पढ़ना लिखना बहुत अच्छा लगता था और वो पढ़ने में बहुत होशियार भी था लेकिन उसकी life इतनी भी आसान नहीं थी। उसने नए school में admission ली थी। वो नए स्कूल में इसलिए नहीं आया था की उसके पापा की transfer नयी जगह हो गयी थी बल्कि उसके स्कूल बदलने का कारण कुछ और ही था। उसे हकलाने (stammer ) की problem थी। और वो अपने हकलाने की आदत से बहुत दुःखी था। उसके दुखी होने का कारण ये नहीं था की वो हकलाता था बल्कि वो इसलिए दुखी था क्योंकि उसकी इस आदत का सब मज़ाक उड़ाया करते थे।
राजीव यही सोच कर अपने पुराने स्कूल को छोड़ कर आया था की नयी जगह और नए स्कूल जाने से उसकी problem solve हो जायेगी , क्यूंकि जहां वो पहले रहता था वहां के आस पास के सभी लोग उसका मज़ाक उड़ाया करते थे फिर वो चाहे उसके पडोसी हों ,उसके local friends हो , या फिर उसके school friends हो।
वो जब भी किसी के साथ बात करता था, तो वो बहुत कोशिश करने के बाद भी रुक रुक कर बात किया करता था जिसकी वजह से सब उसका मज़ाक उड़ाया करते थे और उस के ऊपर हंसा करते थे। उसके दोस्त उसे बार बार teas किया करते थे की अबे जल्दी बोल time नहीं है हमारे पास , या अबे तु तो कछुए से भी slow है , या अबे कैसे बात कर रहा है अच्छे से बात नहीं कर सकता क्या। ये बाते उसे तीर की तरह लगती थी। बाहर से तो वो ऐसे दिखाता था जैसे की उसे कोई फर्क नहीं पड़ता और वो भी उनके साथ हंसा करता था।
उसे ऐसा लगने लग गया था की वो सिर्फ अपने घर पर ही safe है कयोंकि वो सोचता था की अगर वो बाहर जाकर किसी से भी बात करेगा तो वो लोग उसका मज़ाक उड़ायेंगे। राजीव बहुत dipression में रहने लग गया था, उसे बाहर जाने से बहुत डर लगता था। धीरे धीरे उसका मन पढ़ाई से भी उठने लग गया और दिन रात अपने कमरे में चुप चाप बैठकर बस सोच में डुबा रहता था।
उसके parents उसे बहुत समझाते थे की सब ठिक हो जाएगा तुम बस अपनी पढ़ाई पे ध्यान दो, लेकिन जब वो अकेला होत्ता था तो ये सब बाते उसके दिमाग में घूमती रहती थी। वो यही सोचा करता था की काश वो भी औरो की तरह बात कर सकता और वो कोशिश भी करता था लेकिन उससे हो नहीं पा रहा था और इसलिए वो बार बार अपने आप को और भगवान् को कोसा करता था की भगवान् ने उसे ऐसा क्यों बनाया।
फिर राजीव के माता पिता ने decide किया की वो लोग किसी दूसरे शहर में चले जाएंगे और राजीव की किसी दूसरे स्कूल में admission करवा देंगे शायद तभी राजीव ठीक हो सके। राजीव से जब उन्होंने इस बारे में बात की तो वो दूसरी जगह जाने के लिए मान गया और वो बहुत खुश भी हो गया। वो इस बात से खुश था की अब उसे नए लोग मिलेंगे ,उसके नए दोस्त बनेंगेऔर साथ ही वो सब लोग जो उसका मज़ाक उड़ाते थे अब उसे कभी नहीं मिलेंगे।
लेकिन दोस्तों ये problem का solution नहीं था। जगह बदलने से सिर्फ लोग बदलेंगे problem वैसी की वैसी ही रहेगी। कुछ दिन बाद ही राजीव को इस बात का एहसास हो गया की जगह बदलने से कुछ भी नहीं बदला। लोग अब भी उसका मज़ाक उड़ाते थे ,उसे teas किया करते थे की तु तो किसी से अच्छे से बात भी नहीं कर पाता तो job कैसे करेगा । उसे अब भी वही सब सुनने को मिलता था जो वो पहले लोगो से सुनता था , कुछ बदला था तो वो थे सिर्फ लोगो के चेहरे बाकी सब वैसा का वैसा ही था। वो फिर से बहुत दुखी रहने लग गया।
लेकिन अब की बार उसने सोच लिया था की अब वो घरवालो को कुछ नहीं बताएगा और इस प्रॉब्लम को खुद ही solve करेगा। अब धीरे धीरे उसकी सोच बदलने लगी थी , पहले जब कोई उसकी बुराई करता था तो वो उनके बारे में बुरा ही सोचता था की इनके साथ भी कुछ बुरा होना चाहिए। कई बार तो जब उसे बहुत गुस्सा आ जाता था तो वो सबसे लड़ने लग जाता था। लेकिन अब वो ये सोचता था की आज जो भी मेरे ऊपर हंस रहे है उन सबको sucessfull हो कर बताऊंगा।
और इसी सोच की वजह से धीरे धीरे उसकी life बदलने लगी थी , लोग अब भी उसका मज़ाक उड़ाते थे लेकिन अब वो उन सब बातो पे ज्यादा ध्यान नहीं देता था। वो अब सिर्फ अपनी पढ़ाई पे और अपने career पे ध्यान देता था। और अपनी इसी सोच और लगन की वजह से plus two class में उसने 92 % के साथ अपनी class में टॉप कर लिया। बाहरवीं के बाद राजीव ने अपनी graduation complete की और आज वो एक multinational company में काम करता है और साथ ही as a freelancer online पार्ट टाइम काम भी करता है । उसकी लगन और self confidence की वजह से अब उसके हकलाने की problem भी 80 % ठीक हो गयी है। और ये सब इसलिए हो पाया क्योंकि राजीव के अंदर एक आग थी उन सब से बदला लेने की जो उसका मज़ाक उड़ाया करते थे। आज उसने उन सबसे बदला ले लिया और वो भी अपनी success से जो की सबसे बड़ा बदला है।
दोस्तो ये कहानी सिर्फ राजीव की नहीं है , ये कहानी घर घर की है और ये problem किसी को भी हो सकती है। हो सकता है ये problem आप में से किसी को हो या हो सकता है आपके आस पास किसी और को हो। अगर तो ये दिक्कत हमे होगी फिर तो हम कभी भी किसी और का मज़ाक नहीं उड़ायेंगे लेकिन अगर ये problem हमारे किसी दोस्त को है तो हम जरुर उसका मज़ाक उड़ायेंगे की अबे जल्दी बोल हमें और भी काम है या कुछ भी। लेकिन दोस्तो ऐसा करने से जाने अनजाने आप लोग उसको demotivate कर रहे हो। हो सकता है की बाहर से वो ये दिखाए की उसे फर्क नहीं पड़ता और वो भी आपके साथ हंसे लेकिन दोस्तो फर्क पड़ता है। अन्दर से वो एक दम टूट जाएगा और उसके self confidence की तो धजिया उड़ जायेगी। इसलिए अब आप खुद ही decide कीजिये की क्या सही है और क्या गलत।
ye bhi parhe : -
दोस्तों motivational stories in hindi to increase self confidence में आज की स्टोरी थी stammer boy -हकलाना कोई problem नहीं। आशा करता हूँ की शायद आप सबको पसंद आयी होगी और सबने जरूर इससे कुछ ना कुछ शिक्षा ली होगी। दोस्तों मै motivation से related और भी articles आप के लिए लाता रहूँगा इसलिए आप हमारे ब्लॉग beinspired2all के साथ बने रहे। धन्यावाद and be inspired.
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stammer boy - हकलाना कोई problem नहीं।
राजीव यही सोच कर अपने पुराने स्कूल को छोड़ कर आया था की नयी जगह और नए स्कूल जाने से उसकी problem solve हो जायेगी , क्यूंकि जहां वो पहले रहता था वहां के आस पास के सभी लोग उसका मज़ाक उड़ाया करते थे फिर वो चाहे उसके पडोसी हों ,उसके local friends हो , या फिर उसके school friends हो।
वो जब भी किसी के साथ बात करता था, तो वो बहुत कोशिश करने के बाद भी रुक रुक कर बात किया करता था जिसकी वजह से सब उसका मज़ाक उड़ाया करते थे और उस के ऊपर हंसा करते थे। उसके दोस्त उसे बार बार teas किया करते थे की अबे जल्दी बोल time नहीं है हमारे पास , या अबे तु तो कछुए से भी slow है , या अबे कैसे बात कर रहा है अच्छे से बात नहीं कर सकता क्या। ये बाते उसे तीर की तरह लगती थी। बाहर से तो वो ऐसे दिखाता था जैसे की उसे कोई फर्क नहीं पड़ता और वो भी उनके साथ हंसा करता था।
उसे ऐसा लगने लग गया था की वो सिर्फ अपने घर पर ही safe है कयोंकि वो सोचता था की अगर वो बाहर जाकर किसी से भी बात करेगा तो वो लोग उसका मज़ाक उड़ायेंगे। राजीव बहुत dipression में रहने लग गया था, उसे बाहर जाने से बहुत डर लगता था। धीरे धीरे उसका मन पढ़ाई से भी उठने लग गया और दिन रात अपने कमरे में चुप चाप बैठकर बस सोच में डुबा रहता था।
उसके parents उसे बहुत समझाते थे की सब ठिक हो जाएगा तुम बस अपनी पढ़ाई पे ध्यान दो, लेकिन जब वो अकेला होत्ता था तो ये सब बाते उसके दिमाग में घूमती रहती थी। वो यही सोचा करता था की काश वो भी औरो की तरह बात कर सकता और वो कोशिश भी करता था लेकिन उससे हो नहीं पा रहा था और इसलिए वो बार बार अपने आप को और भगवान् को कोसा करता था की भगवान् ने उसे ऐसा क्यों बनाया।
फिर राजीव के माता पिता ने decide किया की वो लोग किसी दूसरे शहर में चले जाएंगे और राजीव की किसी दूसरे स्कूल में admission करवा देंगे शायद तभी राजीव ठीक हो सके। राजीव से जब उन्होंने इस बारे में बात की तो वो दूसरी जगह जाने के लिए मान गया और वो बहुत खुश भी हो गया। वो इस बात से खुश था की अब उसे नए लोग मिलेंगे ,उसके नए दोस्त बनेंगेऔर साथ ही वो सब लोग जो उसका मज़ाक उड़ाते थे अब उसे कभी नहीं मिलेंगे।
लेकिन दोस्तों ये problem का solution नहीं था। जगह बदलने से सिर्फ लोग बदलेंगे problem वैसी की वैसी ही रहेगी। कुछ दिन बाद ही राजीव को इस बात का एहसास हो गया की जगह बदलने से कुछ भी नहीं बदला। लोग अब भी उसका मज़ाक उड़ाते थे ,उसे teas किया करते थे की तु तो किसी से अच्छे से बात भी नहीं कर पाता तो job कैसे करेगा । उसे अब भी वही सब सुनने को मिलता था जो वो पहले लोगो से सुनता था , कुछ बदला था तो वो थे सिर्फ लोगो के चेहरे बाकी सब वैसा का वैसा ही था। वो फिर से बहुत दुखी रहने लग गया।
लेकिन अब की बार उसने सोच लिया था की अब वो घरवालो को कुछ नहीं बताएगा और इस प्रॉब्लम को खुद ही solve करेगा। अब धीरे धीरे उसकी सोच बदलने लगी थी , पहले जब कोई उसकी बुराई करता था तो वो उनके बारे में बुरा ही सोचता था की इनके साथ भी कुछ बुरा होना चाहिए। कई बार तो जब उसे बहुत गुस्सा आ जाता था तो वो सबसे लड़ने लग जाता था। लेकिन अब वो ये सोचता था की आज जो भी मेरे ऊपर हंस रहे है उन सबको sucessfull हो कर बताऊंगा।
और इसी सोच की वजह से धीरे धीरे उसकी life बदलने लगी थी , लोग अब भी उसका मज़ाक उड़ाते थे लेकिन अब वो उन सब बातो पे ज्यादा ध्यान नहीं देता था। वो अब सिर्फ अपनी पढ़ाई पे और अपने career पे ध्यान देता था। और अपनी इसी सोच और लगन की वजह से plus two class में उसने 92 % के साथ अपनी class में टॉप कर लिया। बाहरवीं के बाद राजीव ने अपनी graduation complete की और आज वो एक multinational company में काम करता है और साथ ही as a freelancer online पार्ट टाइम काम भी करता है । उसकी लगन और self confidence की वजह से अब उसके हकलाने की problem भी 80 % ठीक हो गयी है। और ये सब इसलिए हो पाया क्योंकि राजीव के अंदर एक आग थी उन सब से बदला लेने की जो उसका मज़ाक उड़ाया करते थे। आज उसने उन सबसे बदला ले लिया और वो भी अपनी success से जो की सबसे बड़ा बदला है।
दोस्तो ये कहानी सिर्फ राजीव की नहीं है , ये कहानी घर घर की है और ये problem किसी को भी हो सकती है। हो सकता है ये problem आप में से किसी को हो या हो सकता है आपके आस पास किसी और को हो। अगर तो ये दिक्कत हमे होगी फिर तो हम कभी भी किसी और का मज़ाक नहीं उड़ायेंगे लेकिन अगर ये problem हमारे किसी दोस्त को है तो हम जरुर उसका मज़ाक उड़ायेंगे की अबे जल्दी बोल हमें और भी काम है या कुछ भी। लेकिन दोस्तो ऐसा करने से जाने अनजाने आप लोग उसको demotivate कर रहे हो। हो सकता है की बाहर से वो ये दिखाए की उसे फर्क नहीं पड़ता और वो भी आपके साथ हंसे लेकिन दोस्तो फर्क पड़ता है। अन्दर से वो एक दम टूट जाएगा और उसके self confidence की तो धजिया उड़ जायेगी। इसलिए अब आप खुद ही decide कीजिये की क्या सही है और क्या गलत।
ye bhi parhe : -
दोस्तों motivational stories in hindi to increase self confidence में आज की स्टोरी थी stammer boy -हकलाना कोई problem नहीं। आशा करता हूँ की शायद आप सबको पसंद आयी होगी और सबने जरूर इससे कुछ ना कुछ शिक्षा ली होगी। दोस्तों मै motivation से related और भी articles आप के लिए लाता रहूँगा इसलिए आप हमारे ब्लॉग beinspired2all के साथ बने रहे। धन्यावाद and be inspired.
Hallo bhai I. Am a stammer aur mai yhi sochta rhta hu ki mujhe job kaise milegi because I. Am a. Stammer but mai apne life me kuch bda krne ki sochta hu but kaise karuga because I am a stammer
ReplyDeleteI am so sad
sabse pehle to bhai mai aapse maafi mangna chaahunga itna late reply karne ke liye ... kyonki is blog pe mai kaafi time se active nahi tha.
Deletepata nahi ab mere is reply ka ab koyi fayda bhi hoga ya nahi lekin mai aapko ye batana chaahunga ki jo ye story hai wo mere friend ki hai or bilkul sach hai. isilye agar wo job kar skata hai or wo bhi multinational company me to aap bhi kar sakte ho. ho skata hai ki shuru shuru me thodi mushkil ho lekin ek baar agar aapne dil se ye maan liya ki aapko kuch bada karna hi hai to aapko koyi bhi nahi rok sakta.
i hope ki abhi tak aapne us cheeze ke liye koshish karni start kar di hogi jo bhi aap life me karna chaahte ho . or agar nahi ki hai to aap khood hi apne aap ko rok rahe ho.
aapko koshish karte rehna chahiye or yakeen maaniye... mere friend ki tarah aap bhi bhut successfull ho jaayenge or jaise jaise aapka self confidence barhta jaayega aapke stammer ki problem bhi thick hotti jaayegi.
wish you all the best for your brighter future. and have a healthy and wealthy life.
Thanks sir 🙏🙏🙏
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